तुम पे अब खुद को वारता है कोई
तेरी नज़रें उतारता है कोई
जब तू पलकों को बंद करती है
छुपके तुझको निहारता है कोई
रफ़्ता रफ़्ता असर भी होता है
तुझको दिल में उतारता है कोई
दिल की धड़कन को सुन के देख ज़रा
तुझको दिल से पुकारता है कोई
अपनी आगोश में लिटा के तुझे
तेरी ज़ुल्फ़ें संवारता है कोई
तूने महूसस तो किया होगा
तुझको सदियों से चाहता है कोई
तेरी नज़रें उतारता है कोई
जब तू पलकों को बंद करती है
छुपके तुझको निहारता है कोई
रफ़्ता रफ़्ता असर भी होता है
तुझको दिल में उतारता है कोई
दिल की धड़कन को सुन के देख ज़रा
तुझको दिल से पुकारता है कोई
अपनी आगोश में लिटा के तुझे
तेरी ज़ुल्फ़ें संवारता है कोई
तूने महूसस तो किया होगा
तुझको सदियों से चाहता है कोई
मसरूर अब्बास