कांटो को मोहब्बत का इशारा नहीं करते
एक बार जो करते हैं दुबारा नहीं करते
एक बार जो करते हैं दुबारा नहीं करते
वो रंग जो उल्फत की किताबों से परे हैं
उस रंग को हम दिल में उतारा नहीं करते
चुपचाप से रो लेते हैं हम याद में तेरी
पर नाम तेरा लेके पुकारा नहीं करते
इन रेशमी ज़ुल्फ़ों में बसी है मेरी दुनिया
यूंही तेरी ज़ुल्फ़ों को संवारा नहीं करते
जीने के लिए यादों का दाना ही बहोत है
हम झूठ के टुकड़ों पे गुज़ारा नहीं करते
वो लोग जो खुद्दार हैं मर जाते हैं लेकिन
ज़िल्लत में मिली उम्र गवारा नहीं करते
उस रंग को हम दिल में उतारा नहीं करते
चुपचाप से रो लेते हैं हम याद में तेरी
पर नाम तेरा लेके पुकारा नहीं करते
इन रेशमी ज़ुल्फ़ों में बसी है मेरी दुनिया
यूंही तेरी ज़ुल्फ़ों को संवारा नहीं करते
जीने के लिए यादों का दाना ही बहोत है
हम झूठ के टुकड़ों पे गुज़ारा नहीं करते
वो लोग जो खुद्दार हैं मर जाते हैं लेकिन
ज़िल्लत में मिली उम्र गवारा नहीं करते
मसरूर
1 comment:
kya likha wah , wah maza aa gaya....ye nazam dil ki gehraiyon se likhi hai....
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